मेरा नाम दिया है। मुझे सब इसी नाम से बुलाते हैं। मेरी हाइट 5’4″ है। मैं कोटा में रहती हूं और एक एमएनसी कंपनी में काम करती हूं। मेरा फिगर 34-28-36 है। मैं इतनी मस्त दिखती हूं कि कोई भी मर्द मुझे बिना देखे पास से नहीं गुजरता।
मेरा रंग गोरा है। मैं मर्दों के दिल की धड़कन तेज कर देती हूं। 6 महीने पहले मेरी शादी हुई है, और उसके बाद मैंने वो किया, जो कभी सोचा भी नहीं था। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं। मेरे परिवार में मम्मी, पापा और एक बड़ी बहन हैं।
मेरी बड़ी बहन मुझसे 3 साल बड़ी है, और उसकी शादी 2 साल पहले हो चुकी है। मेरे जीजा जी का परिवार गांव में है, और वो और दीदी कोटा में ही रहते हैं। जीजा जी का नाम लोकेश है और दीदी का स्वीटी है। मेरा उन दोनों के साथ बहुत प्यार है, और शादी से पहले मैं कभी भी उनके घर चली जाती थी।
वो दोनों बहुत खुश थे और एक-दूसरे का बहुत ख्याल रखते थे। बस ऐसा समझ लीजिए कि उनकी जोड़ी रब ने बनाई थी। जीजा जी मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे, और मैं भी उन्हें भाई मानती थी। फिर मेरी शादी राज के साथ हो गई। राज मेरी ही कंपनी में नौकरी करता था, और मैं उसे पहले से जानती थी। लेकिन ये लव मैरिज नहीं थी।
राज ने अपनी फैमिली से बोलकर मेरी फैमिली को अप्रोच किया था। लड़का अच्छा था, तो घरवाले भी मान गए। फिर हमारी शादी हो गई, और हम हनीमून पर चले गए। हनीमून पर जाकर मुझे पता चला कि मेरी तो किस्मत ही फूट गई थी। राज का लंड सिर्फ 3 इंच का था, और ऊपर से वो ज्यादा देर तक भी नहीं टिक पाता था।
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15 दिन के हनीमून पर राज ने तो खूब मजा किया। लेकिन मुझे एक बूंद का भी आनंद नहीं मिला। फिर हम वापस आ गए। वापस आते ही दीदी ने हमें दोनों को डिनर पर बुलाया। मैं और राज दीदी के घर पहुंच गए। जब हम डिनर की टेबल पर बैठे थे, तो जीजा जी दीदी के साथ शरारत कर रहे थे। “रातों की रूमानी दुनिया — SexStoryHub के संग!”
उनकी शरारतें देखकर मुझे उनके लिए खुशी और अपने लिए दुख हो रहा था। डिनर के बाद हम घर आ गए। रात को राज और मेरे बीच सेक्स हुआ, लेकिन हर बार की तरह सिर्फ वो ही शांत हुआ। जब राज सो गया, तो मैं बाथरूम में चली गई। वहां जाकर मैंने फिंगरिंग करने का फैसला किया।
मैं बैठ गई और अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दी। तभी पता नहीं क्यों मेरे मन में जीजा जी का ख्याल आया। उनका ख्याल आते ही मैं ज्यादा उत्तेजित हो गई और चूत सहलाती रही। 5 मिनट बाद मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ा। और ये पानी मेरे जीजा जी के नाम का था।
फिर मैंने सोचा कि मैं अपने जीजा जी से अपनी चूत शांत करवा सकती हूं। उस दिन मेरी चूत की आग मेरे दिल और दिमाग पर हावी हो गई। अगले दिन से मैं जब भी जीजा जी से मिलती थी, तो उन्हें कामुक नजरों से देखती थी। मैं कभी अपने स्तन दिखाती, तो कभी झुककर गांड के दर्शन करवाती। कुछ ही मुलाकातों में जीजा जी को भी इस बात का एहसास हो गया था।
फिर वो दिन आ गया। मैं ये जानती थी कि हर बुधवार को जीजा जी किराने का सामान लेने मॉल में जाते थे। वो अकेले ही जाते थे, तो मैं भी वहां पहुंच गई। मैंने फॉर्मल ट्राउजर और शर्ट पहन ली थी, क्योंकि मैं ऑफिस से सीधा वहां गई थी। जीजा जी के सामने जाने से पहले मैंने अपनी शर्ट के 2 बटन खोल दिए, ताकि उन्हें मेरी क्लीवेज के दर्शन हो जाएं। फिर मैं उनके सामने आ गई।
मैं: हाय जीजा जी।
जीजा जी: दिया, तुम यहां कैसे?
मैं: वैसे ही, कुछ शॉपिंग करनी थी।
फिर मैंने जीजा जी की ट्रॉली में ही सामान डालना शुरू कर दिया। मैं बार-बार उनके हाथ पर हाथ रख देती थी, और जब वो मेरी तरफ देखते, तो मैं स्माइल पास कर देती थी। अंत में जीजा जी बोले-
जीजा जी: दिया, ये क्या हो रहा है?
मैं: क्या जीजा जी?
जीजा जी: भोली मत बनो, तुम्हें सब पता है।
मैं: आपको अच्छा क्यों नहीं लगा?
जीजा जी: मैं तुम्हारा जीजा हूं। तुम्हारी बहन का पति।
मैं: हां, पता है। लेकिन मेरे बॉयफ्रेंड पर बैन लग सकता है?
जीजा जी: दिया, तुम्हारी अभी-अभी शादी हुई है।
मैं: लेकिन ऐसे पति का क्या फायदा, जो आपको खुश न कर सके।
जीजा जी: मतलब तुम दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है?
मैं: उसके लिए तो सब ठीक है, लेकिन मेरे लिए कुछ भी नहीं।
फिर मैंने जीजा जी को अपनी बाहों में पकड़ लिया और बोली-
मैं: जीजा जी, प्लीज मेरी मदद करो। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
जीजा जी: दिया, कोई देख लेगा।
मैं: मुझे किसी की परवाह नहीं है।
जीजा जी: चलो, तुम कल शाम को मुझसे मिलना। तुम्हारी दीदी दोस्त के घर जाने वाली है, तो हम आराम से बात करेंगे।
मैं: ठीक है।
फिर अगली शाम मैं तैयार होकर जीजा जी के घर चली गई। मैंने ब्लैक जींस और ब्लू टॉप पहना था। राज को मैं किसी काम का बहाना करके आई थी। जीजा जी ने दरवाजा खोला और मुझे सोफे पर बैठने को कहा। फिर जीजा जी अंदर चले गए। तभी लाइट चली गई, और अंधेरा हो गया।
मुझे कुछ नजर नहीं आ रहा था, तो मैंने जीजा जी को आवाज दी। तभी मुझे अपनी कमर पर किसी के हाथ महसूस हुए। वो हाथ जीजा जी के थे। जीजा जी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी पीठ पर किस करने लगे। मैं तो पहले ही सेक्स के लिए तड़प रही थी, तो मैंने उन्हें रोका नहीं।
फिर जीजा जी मेरे स्तन दबाने लगे। वाह, क्या मजबूत पकड़ थी उनकी। जीजा जी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और किस करने लगे। मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी। वो मुझे किस कर रहे थे और मेरी गांड जोर-जोर से दबाने लगे। तभी लाइट आ गई।
जीजा जी बस तौलिये में थे, और उनका खड़ा हुआ लंड तौलिये में तंबू बना रहा था। मैं तो उन्हें ऐसे देखकर खुश हो गई। मेरी चूत उनके लंड को आवाज देने लगी। मैंने झट से उनका तौलिया उतार दिया, और उनका 7 इंच का लंड मेरे सामने आ गया।
मैं उस वक्त अपने घुटनों पर बैठ गई और जीजा जी का लंड पकड़ लिया। फिर मैंने उन्हें देखकर स्माइल की और लंड मुंह में डालकर चूसने लगी। क्या मजा आ रहा था उनका लंड चूसकर। जीजा जी ने मेरे सिर को बालों से पकड़ा और मुंह में जोर-जोर से धक्के देने लगे।
वो बार-बार मुझे चोक कर रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मुझे घुमा लिया। उन्होंने पीछे से मेरा टॉप उतार दिया और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। फिर उन्होंने मेरे स्तनों पर हाथ डाले और उन्हें जोर से दबाने लगे।
हाय! क्या सुकून मिल रहा था मुझे। फिर उन्होंने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे स्तन चूसने लगे। वो इतने जोर से स्तन चूस रहे थे कि मेरे निपल्स लाल हो गए थे। फिर उन्होंने मुझे जोर से धक्का दिया, और मैं बिस्तर पर गिर गई। वो मेरे ऊपर आए और मेरी जींस उतार दी।
फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चूत को चाटने लगे। मुझे आज असली मजा मिल रहा था, जो एक मर्द ही दे सकता था। फिर वो मेरी टांगों के बीच आए और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मैं अब लंड लेने को तैयार थी। फिर उन्होंने एक जोर का धक्का मारा, और उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया।
मेरी जोर की चीख निकल गई, और जीजा जी ने मेरा मुंह अपने मुंह से बंद कर लिया। उन्होंने जोर-जोर से धक्के देने शुरू किए। मेरी चूत पूरी फाड़ दी, और उनका पूरा लंड अब मेरी चूत में था। दर्द से मेरी आंखें बाहर आ गई थीं। 2-3 मिनट में मेरी चूत एडजस्ट हो गई, और मुझे मजा आने लगा।
फिर मैं जीजा जी की गांड पर हाथ रखकर उन्हें अपनी तरफ खींचने लगी। जीजा जी की स्पीड बढ़ गई, और मजा भी बढ़ गया। आज मेरी चूत को बहुत सुकून मिल रहा था। जीजा जी मेरी गर्दन और स्तन पर चुंबन कर रहे थे और दांतों से काट रहे थे। आज एक असली मर्द मुझे चोद रहा था। 10 मिनट में मैं झड़ गई, लेकिन जीजा जी अभी नहीं झड़े थे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड देखकर खुश हो गए। उन्होंने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोले-
जीजा जी: क्या कमाल की गांड है तेरी। कब से मेरी नजर इस पर थी।
मैं: क्या मतलब जीजा जी?
जीजा जी: अरे, इतनी मस्त गांड का मजा नहीं लेना चाहेगा?
तब मुझे पता चला कि जीजा जी पहले से ही मुझे चोदना चाहते थे। फिर जीजा जी ने अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया। मैं चीख मार रही थी, और दर्द से मेरी जान निकल रही थी। मेरी गांड से खून भी निकल आया था। लेकिन जीजा जी ने मुझ पर बिना रहम किए मुझे चोदते रहे। जीजा जी ने मुझे इतना चोदा कि मेरी बरसों की प्यास बुझा दी। अंत में जीजा जी ने अपना पानी मेरी गांड में ही निकाल दिया। फिर वो बोले-
जीजा जी: आज से तू मेरी रंडी है, दिया।
मैं: हां जीजा जी, आज से मैं आपकी रंडी हूं। आप जब चाहें मुझे चोद सकते हैं।
और इस तरह से मैं अपने जीजा जी की रंडी बन गई।