मैं आपको बता दूं कि मैं भोपाल का रहने वाला हूं, और मेरी उम्र 25 साल है। आज मैं जो कहानी सुनाने जा रहा हूं, वो 2 साल पहले घटी। पेशे से मैं एक फोटोग्राफर हूं। साड़ी का सीजन था, और मुझे मेरे एक दोस्त का फोन आया कि एक शादी में तस्वीरें खींचने जाना है। मैं भी खाली था, तो मैंने हामी भर दी।
मैंने शादी का वेन्यू पूछा, तो उसने बताया कि शादी लखनऊ के एक होटल में होनी है। अगले ही दिन निकलना था, तो मैं टाइम पर दोस्त के घर पहुंचा, और हम वहां से कार से लखनऊ के लिए निकल पड़े। 19 घंटों में हम लखनऊ पहुंच गए। अभी शादी के इवेंट में टाइम था, तो मैंने अपने दोस्त से कहा कि कहीं घूमने चलें।
हम गए और वहां थोड़ी देर घूमे। इसके बाद थोड़ा धुआं करने के बाद हम आयोजन स्थल की ओर चल पड़े। वेन्यू पर पहुंचकर हमने पता किया और बुक किए गए कमरे में जाकर तैयार होने लगे। तैयार होकर हमने अपना लाइट सेटअप सजाया।
मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि दुल्हन की फोटो मुझे खींचनी है, तो मैंने हां कर दी। थोड़ी देर में सभी मेहमान और लड़की वाले होटल में आ गए। मेरे दोस्त ने मुझे फोटो खींचने को कहा क्योंकि वो वीडियो शूट कर रहा था। उसने कहा कि मैं दुल्हन की फोटो खींचकर आऊं।
बताना भूल गया कि ये एक मुस्लिम शादी थी। मैंने कभी मुस्लिम शादी नहीं देखी थी। मैं दुल्हन के कमरे में गया, तो दुल्हन की भाभी बाहर आई और उसने मुझे कहा कि बाद में आऊं। मैंने उन्हें बोला कि बाद में टाइम नहीं मिलेगा, इसलिए मैं अभी फोटो निकाल लूं। उसने 2 मिनट इंतजार करने को बोलकर दरवाजा बंद कर दिया।
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2 मिनट बाद उसकी भाभी ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर आने को कहा। अंदर दुल्हन और भाभी ही थीं। दोस्तों, यहां बता दूं कि दुल्हन जितनी सुंदर थी, उससे कहीं ज्यादा सुंदर उसकी भाभी थी। भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी आंखें, बड़े-बड़े चूचे, बड़ी-बड़ी गांड—लंड ही खड़ा हो गया।
मैंने खुद पर कंट्रोल करते हुए अपना कैमरा निकाला और दुल्हन व भाभी का नाम पूछा। दुल्हन का नाम नजमा और भाभी का नाम सानिया था। मैं दुल्हन का पोज लेकर उसकी फोटो खींच रहा था। मैंने भाभी को उसका आंचल ठीक करने को बोला। जैसे ही वो थोड़ा झुकी, उनके बड़े चूचों के मुझे थोड़े दर्शन हुए।
उन्होंने मुझे घूरते हुए देख लिया और हंस दी। मैंने भी हल्की मुस्कान दी और काम करने लगा। थोड़ी देर बाद सानिया भाभी ने कहा, “बस क्या, दुल्हन की अकेले लोगे? हमारी भी ले लो।” मैंने हंसते हुए कहा, “पहले इनकी ले लूं, फिर आपकी आराम से लूंगा।”
थोड़ी देर बाद मैंने सानिया को बोला, “अब आप भी आ जाएं, आपकी भी इनके साथ ले लेता हूं।” सानिया ने नजमा के साथ खड़े होते हुए कहा, “जनाब, ये गलत है। मेरी अकेली नहीं लेंगे क्या?” दोस्तों, जिस अदा से वो मुझसे कह रही थी, मन कर रहा था कि वहीँ लिटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बना दूं।
फिर मैंने दोनों की साथ में फोटो निकाली और सानिया से कहा, “अब आप अकेली खड़ी होइए, आपकी अकेली लूंगा।” सानिया ने फ्लर्टी अंदाज में कहा, “ऐसे ही लेंगे क्या? मेरा मतलब, पोज तो बताओ।” मैंने भी अच्छा मौका समझा, उनके पास गया और उनके चेहरे को सेट करने लगा। बगल में उनकी गमक मेरे फेफड़ों को महसूस हो रही थी। उनकी त्वचा इतनी मुलायम थी, क्या बताऊं।
मैंने फोटो खींचकर उसे दिखाई, तो बोली, “वाह, ये फोटो मुझे चाहिए। आप देंगे ना?” मैंने हां कहा, और उन्होंने मेरा नंबर मांगा। मुझे मिसकॉल दी और बोली, “आप मेरी आज अच्छी फोटो निकालिएगा और घर जाकर मुझे व्हाट्सएप पर भेजिए।” मैंने नंबर सेव किया और बाहर आ गया।
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं बाहर फोटो क्लिक करने लगा। दोस्तों, पहली बार मैं इतनी लड़कियों को एक साथ देख रहा था। सबमें बला की खूबसूरती थी, मगर भाभी की गांड अभी भी मेरे जहन में घूम रही थी। मेरा दोस्त आया और दुल्हन की तस्वीरों के बारे में मुझसे पूछा। मैंने उसे बता दिया और फिर काम करने लगा।
थोड़ी देर बाद भाभी आई और सामने की कुर्सी में बैठ गई। मुस्कुराई। मैं भी उन्हें देखकर मुस्कुराया और उनकी तरफ कैमरा करके फोटो खींचने लगा। मैंने भाभी से बोला, “थोड़ा घूमकर बैठिए।” मैंने फोटो क्लिक की और उसके बाद उनके स्तनों को निहारा, जो अब पहले से ज्यादा उठे हुए लग रहे थे और दिख भी रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।
भाभी ने देखा और हंस दी। मैं काम करता था, चोरी-छिपे उन्हें देख लेता था। मेरी थोड़ी-बहुत बात भी हो जाती थी और थोड़ा फ्लर्ट भी कर लेता था। शादी का फंक्शन शुरू हुआ, और मैंने तस्वीरें क्लिक कीं। स्टेज पर बहुत भीड़ हुई, तो मैंने भाभी से कहा कि मेरी तरफ से भीड़ को हटा दें। उन्होंने मेरे सामने से सबको हटा दिया और खुद मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई। क्या बताऊं दोस्तों, उनके ज्यादा नजदीक होने के कारण उनकी चूत का एहसास मेरी कमर पर हो रहा था, उनकी चूचियां मेरे कंधों पर दब रही थीं।
मैंने पीछे मुड़कर देखा और बोला, “बहुत बड़े हैं आपके?”
भाभी – (मुस्कुराकर) क्या?
मैं – आपके ननद के पति। और मुस्कुरा दिया।
भाभी – (चूची को मेरी पीठ में दबाते हुए) इतने बड़े देखे नहीं?
मैं – नहीं।
भाभी – कैसे लगे?
मैं – चुभ रहे हैं… और स्माइल कर दिया।
भाभी – और ठीक से देख लो… फिर शायद मौका ना मिले। अबकी उन्होंने अपनी चूत को और सटा दिया।
मैं – मैं भी सोच रहा हूं… जगह मिले तो।
भाभी – बाथरूम उधर है, आप जा सकते हैं।
मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था, दोस्तों। मैं वहां से निकलकर टॉयलेट की तरफ गया। जैसे ही टॉयलेट के दरवाजे पर पहुंचा, मैंने उसकी तरफ देखा। वो भी वहां से चलने लगी। क्योंकि कॉमन बाथरूम था, मैं किनारे वाले बाथरूम में गया और दरवाजा खोलकर खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर में वो आई और दरवाजा लॉक कर दिया, क्योंकि सब शादी में बिजी थे, तो बाथरूम खाली था।
आते ही उसने कहा, “कपड़ों में तो ले ली, अब बिना कपड़ों के भी ले लो।” बस इतना सुनना था, मैंने उसे तेजी से पकड़ लिया और उसके होंठों पर होंठ रख दिए। मैं किस करने लगा। वो भी मस्त होकर रिस्पॉन्स करने लगी और सिस्कारियां लेने लगी, “उम्म्म उम्म्म राजा उम्म्म, शाम से तेरे लिए गरम है मेरी चूत आआह इस्स्स्स उम्म।”
मैंने किस करते हुए उसे दीवार से सटा दिया और उसके हाथ दीवार पर दबाकर उसकी गर्दन चूसने लगा। वो मदहोश होती जा रही थी, “आआहह उहहहह राजा और करो आआह, बहुत अच्छा किस करते हो उम्म्म्म आआहह।” मैंने उसकी चोली एक हाथ से ऊपर की तरफ उठा दी। अब उसकी चूचियां सिर्फ ब्रा में थीं। दोस्तों, क्या बड़ी-बड़ी चूचियां थीं! मैं पागल हो गया और ब्रा के ऊपर से ही उन्हें मसलने लगा।
“आआहह राजा उहहह और दबाओ इन्हें उम्म्म… पहली बार किसी काफिर मर्द के हाथ से दब रही हैं ये उम्म्म आआह आआहह… जोर से मसलो इन्हें।”
मैंने फिर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा को ऊपर हटा दिया। अब उसकी चूचियां बाहर थीं।
“आआहह राजा इन नंगी चूचियों को भी चूसो उम्म आआहह, निचोड़ दे इनका रस अपने हाथों से और पी जा आआह उम्म।”
मैं थोड़ा नीचे हुआ और उसकी चूचियों को मसलकर पीने लगा। “उम्म उम्म्म वाह भाभी, तेरे चूचे बहुत बड़े और रसीले हैं।” भाभी अब आंखें बंद किए मस्ती में डूबी हुई थी और सिस्कारियां ले रही थी, “ह्म्म्म उम्म्म राजा और चूस ना इन्हें, आज ये एक काफिर के होंठ में आई हैं, उम्म्म आआह मस्त कर दिया तूने, उम्म आह मेरा शौहर इन पर ध्यान नहीं देता, उम्म्म उम्म्म आह आज पी जा इन्हें, तेरे लिए हैं ये उह।”
मैंने भाभी को धीरे से कमोड पर बिठाया और चूचियां पीते हुए एक हाथ से उनके घाघरे को ऊपर की तरफ खिसका दिया और नीचे बैठ गया। अब मैं भाभी की गोरी और चिकनी जांघों को किस करने लगा और दबाने लगा। वो मेरे बालों पर हाथ फेरते हुए सिस्कारियां भरने लगी, “आआह राजा, उहह शौहर बस चूत चोदता है… आज तूने मेरे पूरे बदन को निचोड़ लिया आआहह और चूस उम्म्म ओह्ह्ह्ह राजा उह्ह्ह।”
मैंने अब फिर उसके होंठों को चूसने लगा और एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया। उसने जोर से सिस्कारी ली, “आआअहह राजा उम्म्म्म बहुत गरम कर दिया तूने आअहह मेरी चूत, एइइ अम्मीइइ ओह्ह्ह्ह आआह।” मैं उसे चूम रहा था और उसकी चूत को हाथ से रगड़ रहा था। फिर मैं नीचे गया और उसकी चूत में अपनी जीभ फिराने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।
“हाय अल्लाह… क्या लंड है राजा, पूरी त्वचा में तो ये और भी तगड़ा लग रहा है।”
वो थोड़ा मुस्कुराई और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
क्या बताऊं दोस्तों, क्या चूस रही थी! ऐसा लग रहा था मानो तुरंत मेरा पानी निकल जाएगा। “आअहह ओह्ह, और चूसो… सानिया रानी, आह उम्म्म ओह्ह।” मैं जोश में आकर उसका सिर पकड़कर चोदने लगा। उसकी सांसें जा रही थीं और मैं तेज-तेज उसका मुंह चोद रहा था, “उम्म्म्म गुउप्प उउउम्म्म्म मम्म।”
“उम्म्म सानिया रानी, मेरा निकलने वाला है उम्म्म उम्म्म।”
और मैंने अपना पानी उसके मुंह पर छोड़ दिया। वो अभी भी मेरा लंड चूस रही थी। धीरे-धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने लंड उसके मुंह से निकाला और उसे कमोड पर बिठा दिया और फिर उसकी चूत चाटने लगा। वो फिर से गरम हो चुकी थी, “उम्म्म आआह राजा, अब मत तड़पा, डाल दे अपना काफिर लंड और चोद दे मेरी नमाजी चूत को, आह्ह्ह… ओह्ह उम्म्म।”
मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसकी गर्दन पर चूमने लगा। “उईई अम्मी, आह राजा और मत तड़पा, चोद दे मेरी चूत को उहह आह।” मैंने देर न करते हुए एक तेज धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया। वो दर्द से तड़प उठी, “अमइइ मर गई, हाय अल्लाह, ओह्ह आआह, राजा, थोड़ा धीरे पेल… मेरी चूत फट जाएगी, आआह उम्म्म।”
मैंने उसके होंठों पर हाथ रखकर चूसना शुरू किया और दूसरा धक्का मारा। इस तेज धक्के से उसकी आंखें बाहर आ गईं और उसकी आवाज दबकर रह गई, “उम्म्म उम्म्म उम्म्म।” उसकी सांसें बढ़ गई थीं और मैं उसकी चूचियां दबाते हुए उसके होंठ चूस रहा था।
जब उसे थोड़ी राहत मिली, तो मैं अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में पेलने लगा। वो मस्त होकर सिस्कारियां और कराहने लगी, “आहह राजा, क्या लंड है तेरा, उईई आआह, चूत फाड़ दी… तेरे लंड ने, आअहह उम्म्म आआह।” मैंने उसे अब तेजी से पेलने लगा। वो अपने हाथ मेरे चूतड़ों पर रखकर दबाने लगी, “आआह राजा… उहह आआह… और चोद मुझे, उम्म्म हाय अल्लाह… क्या चोदता है, उम्म्म आआह उईई… आआह।”
वो मुझे चूमने लगी और मेरे सीने के निप्पल को चूसने लगी। मैंने उसे कमोड से उठाया और खड़े-खड़े चोदने लगा, “आआह राजा, क्या ताकत है तेरे बाजुओं में… मेरे शौहर ने कभी मुझे उठाकर नहीं चोदा, हाय अल्लाह, वारी जाऊं तुझपे मेरे राजा, आआह और पेल तेरा लंड, आह।”
मैंने कमोड के सहारे डॉगी स्टाइल में किया और चोदने लगा। अभी उसका लहंगा उसने पहन रखा था। मेरी फंतासी थी कि किसी भाभी को उसके कपड़ों को अलग किए बिना चोदूं। वो मस्त होकर अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थी, “आआह, राजा मैं झड़ने वाली हूं उम्म्म आआह… उईईई अम्मी… आआह।”
मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और तेज धक्कों से कमोड का कवर हिलने लगा, “आआह राजा उईई मैं गई आआह उहह, हाय अल्लाह, उम्म्म आआह।” उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने भी अपना लंड निकाला और उसके मुंह में डाल दिया और उसके मुंह को चोदने लगा, “ले सानिया, मेरे लंड का अमृत पी ले, उम्म्म उम्म्म।” ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।
और मैंने अपना पानी छोड़ दिया। उसने पूरा पानी चाटकर मेरा लंड साफ किया और मुझे किस करने लगी। इतने में मेरे दोस्त का फोन आया और हम कपड़े पहनकर बाहर आ गए। वो काफी खुश थी। शादी खत्म हुई और हम वापस जाने की तैयारी करने लगे। तभी उसका कॉल आया, “कहां हो तुम?”
मैं – रूम में सामान पैक कर रहा हूं।
भाभी – मैं बाहर हूं, तुम आ जाओ। मैंने होटल में रूम बुक किया है… मुझे तुमसे और चुदवाना है।
मैंने “अभी आता हूं” कहकर फोन काट दिया। मैंने दोस्त को बोला कि मुझे थोड़ा रिश्तेदार से मिलना है, मैं कल जाऊंगा। फिर मैं बाहर आ गया। थोड़ी देर चलने के बाद वो कार लेकर आई और मुझे उसमें बैठने को कहा। मैं अंदर बैठ गया और हम चल पड़े।
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भाभी – राजा, तूने मेरी चूत को पागल कर दिया है। अभी भी ये गरम है तेरे लिए।
मैं – भाभी, तुम मुझे काफिर क्यों बोल रही थी?
भाभी – थोड़ा हंसी और बोली कि हम लोग हिंदुओं को काफिर बोलते हैं… पर आज मेरी चूत तेरे काफिर लंड की गुलाम है।
मैं – आपका शौहर? उनको क्या बोला आपने?
भाभी – कोई फर्क नहीं पड़ता। वो अपने दोस्तों के साथ पी रहे होंगे विदाई के बाद।
मैं – अच्छा।
भाभी – तूने अब तक कितनी को चोदा है?
मैं – यही कोई 14 या 15 को।
भाभी – बस लड़कियां ही चोदता है या हम औरतों की भी फाड़ता है?
मैं – सच कहूं तो शादीशुदा को चोदने में ज्यादा मजा है। बहुत मस्त चुदवाती हैं।
भाभी – यही तो कमाल है हम शादीशुदा की चूत का। बूढ़े का भी खड़ा कर देती हैं। अच्छा, ये बता कि अब तक कितनी चूत चोदी है?
मैं – दो गर्लफ्रेंड थीं कॉलेज में, उनको चोदा है।
भाभी – हाय अल्लाह, शर्म नहीं आई तुझे हमें चोदते हुए?
मैं – आपको शर्म आई मेरा लंड लेते हुए?
भाभी – हाय अल्लाह, बड़ा बेशरम है तू… एक तो मेरी नमाजी चूत चोद दी, ऊपर से हाजिरजवाबी दे रहा है।
हम होटल पहुंच गए और हमने रात में खूब जमकर चुदाई की। इसकी कहानी अगली बार बताऊंगा।
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