मैं हूँ राहुल। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और हाइट 5 फीट 11 इंच है। मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं, और मेरी एक बेटी भी है। मेरे घर में मैं, पापा, मम्मी, मेरी बीवी और मेरी बेटी हैं। ये कहानी मेरी शादी से पहले की है। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।
मैं 22 साल का था। घर का सारा काम मम्मी ही करती थीं उस वक्त। फिर एक दिन अचानक मम्मी की सीढ़ी से जोर से फिसलन हुई, और उनके हाथ में चोट लग गई। अब मम्मी कुछ दिनों के लिए घर का काम नहीं कर सकती थीं। ये देखकर पापा ने घर पर काम करने के लिए एक लड़की, सविता, को रख लिया।
सविता 21 साल की जवान लड़की थी। उसका रंग सांवला था, लेकिन फिगर बड़ा कड़क था। उसका साइज़ 32-28-34 था। उसके आने के कुछ ही दिन हुए थे कि मम्मी-पापा को 7 दिन के लिए कहीं जाना पड़ गया। उन दिनों में मैं घर पर अकेला था, और मेरे खाने-पीने का ध्यान सविता ही रखती थी।
मुझे अब सविता पर प्यार आने लगा था। मैं भी जवान था, और जवान लड़के को केयर करने वाली लड़कियां बहुत पसंद होती हैं। तीसरे दिन जब मैं डिनर टेबल पर बैठा, तो सविता डिनर सर्व कर रही थी। उसने नीले रंग का पजामा सूट पहना हुआ था।
अचानक जब वो डिनर सर्व करने के लिए झुकी, तो मेरी नजर उसके स्तनों पर पड़ गई। उसके स्तनों को देखकर मेरी तरफ उसका आकर्षण और बढ़ गया। फिर जब वह किचन वापस जा रही थी, तो मेरा ध्यान उसकी मटकती गांड पर चला गया। अब मुझे सविता को प्यार करना था।
अगले दिन जब सविता आई, तो मैं उसके पास किचन में चला गया। आज उसने सफेद रंग का पजामा सूट पहना था, और वह बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने उसके साथ काफी बातें कीं, और वो भी मेरे साथ फ्रेंडली हो गई। फिर रात को जब वो डिनर सर्व कर रही थी, तो मैंने उससे कहा-
मैं: सविता, तुम भी यहीं बैठ जाओ।
सविता: नहीं सर, मैं कैसे?
मैं: अरे, अंदर जाकर भी तो डिनर करोगी। तो यहीं बैठ जाओ। इससे मुझे भी कंपनी मिल जाएगी।
सविता ने मेरी बात मान ली। फिर डिनर करते हुए मैंने उसके साथ बहुत बात की। वो भी आज मुझे प्यार भरी नजरों से देख रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे मैं अपनी बीवी के साथ बैठकर डिनर कर रहा हूँ। फिर डिनर के बाद जब वो सोने जा रही थी, तब मैंने उससे कहा-
मैं: सविता, चलो टीवी देखते हैं।
टीवी मेरे बेडरूम में था, और हम वहां चले गए। सविता कुर्सी पर बैठ गई, और मैं बिस्तर पर बैठ गया। फिर हम फिल्म देखने लगे। फिल्म का नाम था ‘रहना है तेरे दिल में’। फिल्म के दौरान जब मैंने सविता की तरफ देखा, तो वो कुर्सी पर असहज लग रही थी। फिर मैंने उससे कहा-
मैं: सविता, बिस्तर पर आ जाओ। वहां परेशान क्यों हो रही हो?
सविता: मैं ठीक हूँ यहां पर, सर।
मैं: मतलब अब भी तुम मुझे अपना दोस्त नहीं समझती?
सविता: नहीं, ऐसी बात नहीं है।
मैं: तो फिर आ क्यों नहीं रही?
ये सुनकर सविता मेरे पास आकर बैठ गई। अगले 20 मिनट में फिल्म में एक रोमांटिक सीन आया, जिसमें हीरो हीरोइन को किस करने वाला था। वो सीन देखकर मुझसे रहा नहीं गया, और मैंने सविता का हाथ पकड़ लिया। मेरे हाथ पकड़ते ही सविता ने मेरी तरफ हैरान होकर देखा। तभी मैंने उससे कहा-
मैं: मैं तुमसे प्यार करता हूँ, सविता। जिस तरह से तुमने मेरा ख्याल रखा है, मुझे तुमसे प्यार हो गया है।
सविता भी शायद फिल्म देखकर रोमांटिक हो गई थी। उसने मुस्कुराकर अपना सिर झुका लिया। मैंने इसे ग्रीन सिग्नल समझा, और सविता के पास आ गया। फिर मैंने उसका चेहरा ऊपर उठाया, और उसकी आँखों में देखते हुए उसके होंठों पर हल्की-सी किस की।
उसने मुझे किस करने से नहीं रोका, और यही मैं चाहता था। फिर मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसके साथ चिपक गया, और एक हाथ से उसकी गांड दबाने लगा। 5 मिनट तक हम दोनों चिपकते रहे, और फिर हम दोनों अलग हुए। अब हम दोनों की सांसें तेज थीं। फिर मैंने उसके गाल पर हाथ रखा और बोला-
मैं: मैं तुमसे प्यार करता हूँ, सविता।
सविता: राहुल, मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।
फिर मैंने उसका शर्ट उतार दिया, और उसे लिटा दिया। ब्रा और पजामा में जब लड़की आपके सामने हो, तो आपको जन्नत जैसी फीलिंग आती है। मैं उसके ऊपर आया, और हम दोनों दोबारा किस करने लगे। हम किस करते हुए आलिंगन कर रहे थे। कभी मैं उसके ऊपर आता, तो कभी वो मेरे ऊपर।
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फिर जब वो मेरे ऊपर आई, तो मैं वहीं रुक गया, और उसकी ब्रा निकाल दी। उसके खूबसूरत स्तनों ने मुझे पागल कर दिया। मैं एक-एक करके उसके दोनों स्तनों को चूसने लगा। वो अब बस कामुक आहें भर रही थी, और मेरे सिर को अपने स्तनों में दबा रही थी।
फिर मैंने उसे नीचे लाया और उसकी पजामा उतार दी। उसकी पजामा चूत वाली जगह से गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी पैंटी भी साथ में उतार दी। अब उसकी कुंवारी चूत मेरे सामने थी। वो अपनी चूत को अपने हाथ से ढक रही थी। फिर मैंने उसके हाथ पीछे करके उसकी टांगें खोलीं, और उसकी चूत को किस करने लगा।
उसके बाद मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत काफी गीली थी, और चूत का रस मीठा-मीठा था। वो मेरी चूत चाटने से पागल हो रही थी, और मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी। अब वो चुदने के लिए बिल्कुल तैयार थी। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरा 8 इंच का लंड देखकर वो थोड़ा घबरा गई। फिर मैं उसकी टांगों के बीच में आया, और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। तभी वो बोली-
सविता: राहुल, मुझे छोड़ोगे तो नहीं ना?
मैं: मैं तुमसे प्यार करता हूँ, सविता। मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा।
वैसे आप सब तो जानते ही होंगे कि ये बात सिर्फ कहने के लिए होती है। और लड़की भी जान-बूझकर ऐसे मौके पर ही ऐसे वादे मांगती है। पहले पूछती, तो शायद मैं सच बोल पाता। चलिए, वापस चुदाई पर चलते हैं। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
उसकी जोर-जोर की सिसकियां निकल रही थीं। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के मुँह पर अटका, मैंने एक जोर का धक्का मार दिया। पहले धक्के में मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में चला गया। उसके मुँह से गाली निकल गई, और वो दर्द से तड़पने लगी। उसकी चूत से खून भी निकलने लगा।
वो मुझे लंड बाहर निकालने के लिए बोलने लगी। मेरे किसी दोस्त ने कहा था कि पहले पूरा लंड चूत में घुसा देना चाहिए, उसके बाद उसे बाहर निकालना चाहिए। यही दिमाग में रखते हुए मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर लिया, और लंड पर दबाव डाल रहा था।
वो झटपटा रही थी, और मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया था। फिर 15-20 सेकंड मैंने होल्ड करके रखा, और उसे किस करता रहा। उसके बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला, और हम अलग हो गए। उसकी आँखों में आँसू थे। फिर मैंने उसकी चूत के खून को साफ किया, और उसे थोड़ा प्यार किया।
1-2 मिनट में वो फिर से गर्म हो गई। मैं फिर से उसकी टांगों के बीच आ गया, और अपना लंड उसकी गर्म चूत में घुसा दिया। क्या मजा आ रहा था। इस बार लंड आसानी से उसकी चूत में चला गया। फिर मैंने धक्के मारकर उसे चोदना शुरू कर दिया।
वो आह्ह… आह्ह… करने लगी, और मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाने लगी। हम दोनों किस करने लगे, और मैं नीचे से धक्के मारता गया। इतना मजा किसी और चीज में नहीं आ सकता, दोस्तो, जितना चुदाई में आता है। 15 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा। इस बीच वो एक बार झड़ भी गई थी। फिर मैंने उसे घोड़ी बना लिया। उसकी गांड बड़ी मस्त थी। गांड देखकर मैं उसे चाटे बिना रह नहीं पाया। मैंने उसकी गांड पर किस करना और उसे काटना शुरू कर दिया।
वो भी मस्त होकर अपनी गांड हिला रही थी। फिर मैंने पीछे से लंड उसकी चूत पर सेट किया, और उसे चोदने लग गया। मेरी जांघों और उसके चूतड़ों के टकराने की आवाज महौल को और कामुक बना रही थी। 20 मिनट तक मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा। फिर जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उसे बता दिया। वो जल्दी से घूम गई, और किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी। मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया। फिर जब तक मेरी शादी नहीं हुई, मैंने उसके साथ खूब मजा किया।